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Tuesday, December 29, 2009

मन करता है


मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं ............

खो जाऊं  उस दुनिया में जहाँ ,न गम हो

न आँसू ,ना कोई दुःख ..........


मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं  ...........

तेरी गोद हो सर रखने को ,

तेरी बाँहो का बिस्तर हो ,

और प्रेम  भरा तेरा स्पर्श हो ,


मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं ............

इस ठण्ड की भरी दुपहरिया मे ,

बस मै हूँ और तुम हो ,

और हो हमारे प्यार की खुशबू हर तरफ ,


मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं  ........


रेवा



6 comments:

  1. फूल डाल पर भी खिलता हे ,
    खशबू चमन को देता हे ,
    एक फूल 'मन' मै खिलता हे ,
    खशबू आत्मा को महकाती हे ;

    गो़द मै सर रखा हो ,
    बाँहों का बिस्तर हो बिछा हो ,
    दिल को सेकती धूप हो ,
    कौन ये मानेगा तुम्हे नीद आएगी,
    प्यार की ख्श्बू तुम्हे महकाएगी !!!

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  2. स्नेह और प्रेम की मंगलकामनाओ के साथ ....


    नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.

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  3. In the winter , everybody seeks smooth warm feelings around and it is such a great combination..
    Premi ya priyatam ki yaad aisi khushnuma dopahar ko mahka kar yaadgar bana deti hai...
    aalingan main bekhabar so jane ki chahat samarpan ki inteha hai..

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  4. हर रंग को आपने बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  5. bahut pyari si rachna hai ye.....badhai ho

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