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Wednesday, October 30, 2013





तेरे प्यार से भरी
दीये कि रौशनी सी
चमकती हैं मेरी आँखें

रेवा 

Thursday, October 24, 2013

तन्हा अकेली




नहीं रहना मुझे
तन्हा अकेली
बिना तेरी
मौजूदगी के ,
मानती हूँ
सिर्फ जिस्मानी मौजूदगी
मायने नहीं रखती
हम तो रूह से जुड़े हैं
पर फिर भी
नहीं रहना मुझे
तन्हा अकेली ,
सिर्फ तेरी यादों
के सहारे
सिर्फ तेरी बातों
के भरोसे ,
मानती हूँ
कुछ महीनों की
ही बात है ,
पर फिर भी
नहीं रहना मुझे
तन्हा अकेली ,
माना आंसुओं
को जगह नहीं देनी
आँखों मे
ये तेरी इल्तेज़ा थी
पर ये बरबस
तुझे याद करके
बहने लगे तो क्या करूँ ?
कैसे बहलाऊ ?
नहीं रहना मुझे
तन्हा अकेली /

"बिन तेरे सुना है संसार
  तू आजा ले के बहार "

रेवा


Thursday, October 17, 2013

इम्तेहान



सिर्फ एक दिन के लिए
तुम आये
और तुमने महका दिया
मेरा तन मन 
हमारा घर आंगन ,
अब जबकि तुम पास 
नहीं हो 
तो तुम्हारी खुशबू 
तुम्हारा वजूद 
हर तरफ महसूस
हो रहा है ,
ये हमारे साथ
हमारे प्यार और भरोसे
का इम्तेहान है ,
ये भी निकल जायेगा
और फिर हमारी
प्यार भरी बगिया
दुबारा मुस्कुरा उठेगी।

रेवा 

Friday, October 11, 2013

खोये एहसास




पहली बार ऐसा हुआ
१० दिन तक देखा तो नहीं तुझे
और आवाज़ भी नहीं सुनी ,
घर मे हर तरफ तेरी
मौजूदगी का एहसास
होता तो है ,
पर मौजूद होना
और बस एहसास होने मे
फरक है न ,

"आंखें हैं नम दिल है उदास
जाने क्यों खोये खोये से हैं हर एहसास ,
जीने को तो जी रहें हैं हम पर
मेरी जान नहीं मेरे पास "

रेवा


Saturday, October 5, 2013

स्वार्थी




बहुत मुश्किल है
इस विरह बेला से
अलबेला रहना ,
लाख कोशिशों
के बावजूद ,
आंसू बन ही गयें हैं
दिल की जुबान ,
हर प्यार भरे गीत पर
हर याद पर
हर बात पर
बरबस गलों को
गिला कर जातें हैं ,
आंसुओं पर
रोक लगाना मुश्किल
होता है न ,
और मेरे लिए
और भी मुश्किल ,
जानते हो न
तुम्हारे जाने से
पहले वाली रात
तुम्हारे कंधे पर
सर रख कर
सिसक उठी थी मैं ,
तुम कुछ न बोल पाए
बस चुप चाप
मेरे बालों को
सहलाते रहे ,
जानती हूँ आसान
तुम्हारे लिए भी नहीं ,
पर मुझे आज
अपना दर्द
ज्यादा महसूस हो रहा है
शायद स्वार्थी हो गयी हूँ मैं
पर तेरे प्यार के लिए !!

रेवा