प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Monday, January 6, 2014
क्या नाम दूँ ऐसे रिश्ते को ???
न कोई शिकवा है ,
न शिकायत
न नफ़रत है,
न मोहब्बत
न आशा है ,
न निराशा
न ख़ामोशी सुकूं देती है ,
न बातें
न आंसु दिल दुखाती हैं ,
न हंसी मन बहलाती है
न मिलन कि आस है ,
न जुदाई का गम
फिर भी जुड़े हैं एक दूजे से हम
रहने दो
ReplyDeleteछोड़ो
मत दो कोई नाम
नाम दे देने से
रिश्ता पराया हो जाता हैं
मित्र
रिश्तों पर से
अधिकार न खींचो अपना
shukriya harish ji...vichar yogy baat kahi apne
Deleteतटस्थ
ReplyDeleteमन को काबू में कर ली क्या छोटी बहना
हार्दिक शुभकमनाएं
didi samay sab sikha deta hai
Deleteshukriya ravikar ji
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: नये साल का पहला दिन.
अनाम रिश्ता ,शायद उसके लिये कोई शब्द नहीं बना !
ReplyDeleteनई पोस्ट सर्दी का मौसम!
नई पोस्ट लघु कथा
बहुत खूब कई ऐसे रिश्ते होते हैं जिन्हें कोई नाम नहीं दिया जा सकता ..
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteएक गीत याद आ रहा है-'प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो'
ReplyDeleteलाजवाब रचना...बहुत बहुत बधाई....
नयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो
भावो का सुन्दर समायोजन......
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति.... सच कहती पंक्तियाँ
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