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Monday, July 10, 2017

संस्मरण


अभी कुछ दिनों पहले मैं केरेला के एक टूरिस्ट प्लेस वायनाड गयी थी ,हम जब वहां पहुंचे तो वहां बरसात का मौसम शुरू हो चूका था। वो जगह इतनी सुन्दर है की उसे शब्दों मे वर्णन करना बहुत मुश्किल है। प्रकृति की छटा अपने पुरे यौवन मे ,हर तरफ बिखरी हुई थी ,बरसात मे ऐसा लग रहा था मानो कैनवास पर हरे रंग बिखेर दिए हों ,दिन मे भी वहां कुहासा हो गया था ...... चारो ओर बस शांति और हरियाली ....उस समय वो जगह जन्नत से कम नहीं लग रही  थी। उस दिन हमने  प्रकृति का आनंद उठाया , आराम किया और खूब तस्वीर खिंचे ,दूसरे दिन से हमने घूमना शुरू किया , वहां के लेक और डैम देख कर हम मन्त्र मुग्ध हो रहे थे ...... यहाँ बीच मे एक बात मैं और कहना चाहूंगी वहां के लोगों के बारे मे ,जो सीधे सरल ,धीरे बोलने वाले और बेहतरीन मेजबान हैं ।
तीसरे दिन हमे वापस जाना था। उस दिन हमने प्लान बनाया की जो लेक बचा है वो देखते हुए हम वापस चले जाएंगे।
हम पहुंचे vythiri के एक लेक मे ..... वहां पहुँचते ही ज़ोरों की बारिश शुरू हो गयी। हमे बोटिंग करना था पर वो बारिश की वजह से बंद हो गया था , लेकिन लेक प्राकृतिक था और इतना ख़ूबसूरत की क्या बताऊँ , हम बरसात मे भी रुक गए...  जैसे ही हम वापस जाने लगे मेरी नज़र पड़ी एक माँ पर जो उस बरसात मे अपने छोटे बच्चे को खुद से चिपकाये उसे बचा रही थी..... बार बार उसके बालों पर हाथ फेर रही थी बारिश जितनी तेज़ हो रही थी बच्चा उतना ही माँ से चिपकते जा रहा था , ये माँ है तस्वीर वाली बंदरिया

माँ आखिर माँ होती है चाहे कोई भी रूप हो !!!!! ............................

रेवा






9 comments:

  1. अहा , माँ तो माँ होती है , सच उसके जैसा कोई नहीं | बहुत ही सुन्दर पोस्ट रेवा जी | लिखती रहे ....हम आते रहेंगे आपको पढने बार बार

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    1. जरूर ,बहुत बहुत शुक्रिया आपका

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  2. सच माँ जैसा और कौन हो सकता है इस संसार में
    बहुत सुन्दर ममतामयी संस्मरण

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    1. शुक्रिया कविता जी

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (12-07-2017) को "विश्व जनसंख्या दिवस..करोगे मुझसे दोस्ती ?" (चर्चा अंक-2664) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (12-07-2017) को "विश्व जनसंख्या दिवस..करोगे मुझसे दोस्ती ?" (चर्चा अंक-2664) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. बिल्कुल सच ..…

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