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Sunday, December 23, 2018

फटा कपड़ा





मेरे लिए वो सिर्फ
एक कपड़ा था
जिसका अब कोई
महत्व नहीं था ,
बिल्कुल फीका
पड़ चुका था
और इसलिए
मेरी अलमारी में
वो अपनी जगह
खो चुका था,

लेकिन उसके लिए
वो तन ढकने का
उसे ठंड से बचाने का
सामान था 
बक्से में पड़े
चीथड़ों के बीच
एक पूरा बिना
फटा कपड़ा

#रेवा

6 comments:

  1. हृदयस्पर्शी..
    बेहतरीन रचना

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (25-12-2018) को "परमपिता का दूत" (चर्चा अंक-3196) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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