मैं जब रूठूं तो
मना लेना मुझे
मैं जब जीवन से
हार मानने लगूं
तो जिंदगी पर
फिर से भरोसा
दिला देना मुझे
मैं जब अपने से
परेशान हो कर
सबसे दूर हो जाऊं
तो पास बुला लेना मुझे
मैं जब तकलीफों से
त्रस्त हो आंसुओं में
भीगने लगूं
तो अपने साथ होने का
एहसास दिला देना मुझे
इतनी सारी फरमाइशों के साथ
एक गुजारिश और है तुम से
इस मिनी को जब भी
संभालने की बारी आए
तो बस कुछ प्यार और दुलार
से भरे लफ्ज़
खर्च कर देना उस पर।।
#रेवा#मिनी
बहुत ही सुंदर एहसास।
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक बधाई।
सादर
बहुत शुक्रिया अनीता जी ....नव वर्ष मंगलमय हो
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 04 जनवरी 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत शुक्रिया यशोदा बहन .....जरूर
Deleteबस इस प्यार भरे अल्फाज की ही तो जरूरत होती है सबको...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन।
वाह!!!
बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकाश ये एहसास जाग सके ,कुछ कहना न पड़े।
ReplyDeleteभावों को खूबसूरत शब्द दिए ।
मैं जब रूठूं तो
ReplyDeleteमना लेना मुझे
मैं जब जीवन से
हार मानने लगूं
तो जिंदगी पर
फिर से भरोसा
दिला देना मुझे!
काश कि ऐसा हो पाता!
बहुत ही सुंदर भाव !
बहुत सुंदर
ReplyDeleteअति सुन्दर
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