जब जीवन में
आता है
मुश्किलों का
भारी चट्टान
तब
मनोबल कमज़ोर
हो जाता है
मन टूट जाता है
दिमाग फटने लगता है
विश्वास
डगमगाने लगता है
मुश्किलों का
भारी चट्टान
तब
मनोबल कमज़ोर
हो जाता है
मन टूट जाता है
दिमाग फटने लगता है
विश्वास
डगमगाने लगता है
उनके टूटने, फटने और
कमज़ोर होने को
महसूसो
तभी तो पता चलेगा
वो हैं तुम्हारे अंदर
मौजूद अभी भी
कमज़ोर होने को
महसूसो
तभी तो पता चलेगा
वो हैं तुम्हारे अंदर
मौजूद अभी भी
ऐसा करो
एक नई चट्टान बनाओ
आत्मविश्वास की
आत्मविश्वास की
उसमे मनोबल का लेप लगाओ
फिर देखो
कैसे मुश्किलों का हल
निकलता है !!
फिर देखो
कैसे मुश्किलों का हल
निकलता है !!
रेवा
आभार मयंक जी
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteshukriya
Deleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
बधाई
shukriya jyoti sir
Deleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ईद मुबारक - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteशुक्रिया
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