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Wednesday, October 3, 2018

अजीब सपना


आज एक अजीब
सपना देखा ,
देखा की मैं एक
बहुत छोटी जगह
बंद हो गयी हूँ

सब मुझे ढूंढ
रहे हैं
जबकि
मैं उन्ही के बीच हूँ
उन्हें बार बार
आवाज़ दे रही हूँ
दरवाज़ा खट खटा
रही हूँ

पर कोई सुन ही
नहीं रहा ,
इतने में वहां
एक अजनबी आया
उसने देखा और
दरवाज़ा खोल दिया

जानते हो इस सपने
का संकेत ,
दरवाज़े के पीछे बन्द
मेरा दिल था और
दरवाज़ा खोलने वाले
अजनबी थे "तुम "


#रेवा
#तुम 

8 comments:

  1. जानते हो इस सपने
    का संकेत ,
    दरवाज़े के पीछे बन्द
    मेरा दिल था और
    दरवाज़ा खोलने वाले
    अजनबी थे "तुम "

    बहुत सुंदर रचना

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  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन देश की दूसरी महिला प्रशासनिक अधिकारी को नमन : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  3. छायावादी शैली की ये रचना बेहद उम्दा.

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