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Wednesday, August 15, 2018

कोशिश (जय हिन्द )


झगड़े किस घर
में नहीं होते  ?
ग़लतफ़हमी ग़लतियाँ
आम बात है.......
तो क्या हम घर से
मुंह मोड़ लेते हैं ?
घर के मुखिया को
बुरा भला कह कर
उसको उसके हाल पर
छोड़ देते हैं ??

जब हम ये अपने घर
के साथ नहीं करते तो
अपने देश के साथ
कैसे कर सकते हैं ??
दोष देना
बुरा भला कहना
बहुत आसान है
पर सुधारने की
कोशिश करना
थोड़ा मुश्किल ज़रुर है
नामुमकिन नहीं
कम से कम हम
अपने अपने स्तर पर
शुरुआत तो कर ही सकते हैं

बहुत कुछ
गलत हो रहा है देश में
मैं मानती हूँ
पर सरहद पर देश की
रक्षा करने वाले
देश के लिए मरने वाले
सैनिक तो गलत नहीं है,
उनके लिए
अपने इस प्यारे घर के लिए
आइये हम सब मिल कर
अपने देश को बेहतर
हिंदुस्तान बनाने की
पुरज़ोर कोशिश करें....


जय हिन्द !!!

#रेवा
#देश



12 comments:

  1. आपको स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाईयाँ एवं हार्दिक शुभकामनायें।
    🇮🇳।।जय हिंद जय भारत।।🇮🇳

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    Replies
    1. आपको भी ढेरों शुभकामनाएं

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  2. हमारे देश को एकता के सूत्र में व सुधार करने की पहल करने के लिए प्रेरित करती कविता।
    सुंदर लेखन।

    आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत रहेगा

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना है...।

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  4. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 16.08.18. को चर्चा मंच पर चर्चा - 3065 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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  5. ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सभी को ७२ वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं |


    ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, ७२ वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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