जानती हूँ मैं
मेरे दिल
तुमने जीया है
असीम प्यार
एकाकार का आभास
असीम प्यार
एकाकार का आभास
हर पल में पाया है
सदियों सा एहसास
दिल की धड़कन से लेकर
सांसों की तड़पन
तक को महसूसने वाला प्यार
सदियों सा एहसास
दिल की धड़कन से लेकर
सांसों की तड़पन
तक को महसूसने वाला प्यार
बिन छुए
हृदय को स्पंदित करने वाला
एहसास
साँसों के उतार चढ़ाव से
मन का हाल जानने वाला
हृदय को स्पंदित करने वाला
एहसास
साँसों के उतार चढ़ाव से
मन का हाल जानने वाला
दुनिया से मिलाने वाला
ख़ुद की पहचान करवाने वाला
कड़वी यादों को
मीठी यादों से भरने वाला
कड़वी यादों को
मीठी यादों से भरने वाला
कभी बच्चों सा ज़िद्दी
कभी शिक्षक सा कड़क
होकर समझाने वाला
मैं जानती हूं मेरे दिल .....
फ़रिश्ते जैसे इस इंसान
को न पा कर भी
पाने जैसा है
और बिन साथ जीये भी
ताउम्र साथ रहने जैसा है !!!!
फ़रिश्ते जैसे इस इंसान
को न पा कर भी
पाने जैसा है
और बिन साथ जीये भी
ताउम्र साथ रहने जैसा है !!!!
#रेवा
बहुत सुंदर आदरणिया अनुजा
ReplyDeleteआभार
Deleteबहुत सुंदर रचना 👌👌
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 23.8.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3072 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
शुक्रिया
DeleteSuch a great line we are Online publisher India invite all author to publish book with us
ReplyDeleteOk...Thank u so much
Deleteएक आवाज को दम देती आपकी रचना।
ReplyDeleteबेहतरीन
बहुत शुक्रिया
Delete