प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
सही कहा
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteलाजवाब
ReplyDeleteशुक्रिया सदा जी
Deleteअब गिरगिट कहाँ रंग बदलते हैं, ये काम तो उन्होंने इंसानों के हवाले कर दिया है
ReplyDeleteबहुत सही
जी सही कहा.....शुक्रिया
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ReplyDeleteसुंदर रचना रेवा जी अब गिरगिट खुद अचंभित हैं इंसानों को रंग बदलते देख बेहतरीन 👌👌
ReplyDeleteसच कहा आपने ......शुक्रिया
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