एक लड़की है
अनजानी सी ,
थोड़ी पगली
थोड़ी दीवानी सी ,
जीवन उसकी है
एक कहानी सी ,
कहती है झल्ली
खुद को
पर वो न जाने वो है
सयानी सी ,
हर बात मे कहती
"एक बात बताओ "
और फिर खुद ही
पिरोती जाती
अनगिनत बातें ,
पर बातें उसकी
नही होती बेगानी सी ,
अनजानी सी ,
थोड़ी पगली
थोड़ी दीवानी सी ,
जीवन उसकी है
एक कहानी सी ,
कहती है झल्ली
खुद को
पर वो न जाने वो है
सयानी सी ,
हर बात मे कहती
"एक बात बताओ "
और फिर खुद ही
पिरोती जाती
अनगिनत बातें ,
पर बातें उसकी
नही होती बेगानी सी ,
ऐसे अपना लेती
जैसे
जन्मों से हो
पहचानी सी ,
गर जीवन मे
मिल जाये ऐसी दोस्त
तो फिर
जिंदगी खिल जाती
गुलमोहर सी ....
जैसे
जन्मों से हो
पहचानी सी ,
गर जीवन मे
मिल जाये ऐसी दोस्त
तो फिर
जिंदगी खिल जाती
गुलमोहर सी ....
रेवा
शुक्रिया यशोदा बहन
ReplyDeleteभावनापूर्ण अभिव्यक्ति। सुंदर आभार
ReplyDeleteशुक्रिया dhruv ji
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया लोकेश जी
Deleteबहुत सुन्दर....
ReplyDeleteशुक्रिया सुधा जी
Deleteजीवन में अल्हड़पन और साफ़गोई भरे दिल वाले मिलते मुश्किल से हैं। झल्ली / झल्ला शब्द सात -आठ साल पहले शहरी युवाओं में लोकप्रिय था ,शायद अब भी हो। परिवेश से जोड़कर लिखी गयी भावप्रवण रचना एक अभाव की ओर इंगित करती है जिससे हम महरूम होते जा रहे हैं। बधाई !
ReplyDeleteसच कहा अपने .....शुक्रिया ravindra जी
Deleteजीवन में अल्हड़पन और साफ़गोई भरे दिल वाले मिलते मुश्किल से हैं। झल्ली / झल्ला शब्द सात -आठ साल पहले शहरी युवाओं में लोकप्रिय था ,शायद अब भी हो। परिवेश से जोड़कर लिखी गयी भावप्रवण रचना एक अभाव की ओर इंगित करती है जिससे हम महरूम होते जा रहे हैं। बधाई !
ReplyDeleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteशुक्रिया सुशील जी
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (21-05-2017) को
ReplyDelete"मुद्दा तीन तलाक का, बना नाक का बाल" (चर्चा अंक-2634)
पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
सरल-सी सुन्दर-सी रचना
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