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Sunday, June 12, 2011

ऐ दोस्त

आज तुमने मुझे 
नितांत अकेला 
कर दिया ,
ऐसा लगा जैसे
दिल पर किसी ने 
हजारों  नश्तर
उतार दिए हों ,
अब मै ज़िन्दगी 
भर खुद को दोष 
देती रहूंगी ,
उन लम्हों के लिए
जो मैंने तुम्हारे 
साथ बिताये ,
उस प्यार के लिए 
जिसे मैंने अपनी 
भावनाओ और एहसास 
से सींचा था ,
शायद मुझे में
या मेरे प्यार मे
कोई कमी होगी ,
एक अरसा हो गया
खुद के बारे मे 
सोचे  हुए ,
क्युकी मेरी हर सोच 
तुमसे शुरू होती थी
और तुम्ही पर खत्म ,
पर चलो तुमने मुझे 
खुद के लिए वक़्त 
तो दिया ,
मेरी तन्हाई को 
और तनहा कर 
मुझे उस से जोड़ 
दिया ,
पर शुक्रिया तुम्हारा 
ऐ दोस्त ,
तुमने मुझे 
प्यार को समझने का 
मौका तो दिया l 

रेवा


Sunday, June 5, 2011

चाहत

प्यार बहुत है तुझसे 
पर उसके साथ ये 
चाहत भी की 
तू भी मुझे 
जान से ज्यादा प्यार करे ,
हर सु मेरे 
आस पास बस
तेरा ही वजूद रहे ,
इतना ख्याल करे 
तू मेरा के 
कोई दर्द छु 
न सके मुझको , 
दूर रह कर भी 
एक दुसरे के 
एहसासों और सांसो 
मे  बसे रहे  ,
हम  मिल तो 
नहीं सकते  
पर बात किये बिना  
जी  भी न सके ,
मौत आये तो 
वो भी एक दूजे 
की इज़ाज़त 
ले कर   ..................

रेवा