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Friday, December 30, 2011

मेरी ज़िन्दगी

तुम हो , इस बात का 
एहसास है मुझे ,
पर क्या बस ये 
एहसास काफी है 
जीने के लिए ?
शायद तुम्हे ये 
पता भी नहीं 
की समय के साथ 
अपने इस अनदेखी 
व्यव्हार से कितनी 
दुरी बना ली है तुमने ,
चाहते हुए भी 
अपना दुःख , 
अपनी ख़ुशी 
नहीं बाँट पाति तुमसे ,
क्युकी तुमने कभी 
कोई परवाह दिखाई 
ही नहीं , या पता नहीं 
मेरी ही समझ मे
कोई कमी रह गयी ,
शायद प्यार भरे 
लम्हे , उम्मीद और 
परवाह यह सब बचकानी 
बातें हो ,
पर मेरे लिए 
ये ज़िन्दगी हैं..........
और मेरी ज़िन्दगी 
मुझसे कोसों दूर है /

"ज़िन्दगी ज़िन्दगी न रही 
एहसासों और ख्वाइशों की चिता बन गयी .........

रेवा 


Tuesday, December 20, 2011

आंसू क्या होते है ?

आंसू क्या होते है ??
ओस की बूंद ,
या फिर ख़ुशी 
और गम का इज़हार ,
या कभी मन की दबी 
भावनाओ का बहाव ,
या फिर समझौता 
करते करते 
टूटने का एहसास ,
या  ...
विष पीते दिल की टीस,
एक अरसा हुआ उनका 
स्वाद नमकीन हुए ,
ये मीठे क्यों नहीं होते ??????

रेवा