प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 04 मई 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा.... धन्यवाद!
ReplyDeleteabhar digvijay ji
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 04-05-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2627 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
shukriya dilbag ji
Deleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व हास्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteshukriya harshvardan ji
Deleteसुन्दर।
ReplyDeleteshukriya sushil ji
Deleteबहुत सुन्दर....
ReplyDeleteshukriya sudha ji
Deleteसटीक व सुंदर अभिव्यक्ति !भावनाओं की, आभार।
ReplyDeleteshukriya Dhruv ji
DeleteThanks for sharing such a wonderful post
ReplyDeletePublish your book
thank u
Deleteजब सपनों का गला घुंटता है तो दर्द रिसता है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
shukriya kavita ji
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteshukriya onkar ji
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