कभी महसूस किया है इन आँसुओं को ?
गालो को गिला करते ढुलकते आँसू
आँखों से बहने के बाद लम्बा सफ़र तय करते आँसू
हमें अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते आँसू
कभी ऐसे ही बहते , बिना किसी बात के
कभी मन के तमाम दुखों को झेलते झेलते
थके से आँसू
कभी बिना रोक टोक के अविरल बहते ये आँसू
कभी जोर जोर से विलाप करते ये आँसू
कभी ख़ुशी का इज़हार करते ये आँसू
आँसू चाहे जैसे भी हों
हर पल हमें अपनी दोस्ती का सबूत देते हैं ये आँसू
हर पल हमें अपनी दोस्ती का सबूत देते हैं ये आँसू
कभी महसूस किया है इन आँसुओं को ?
रेवा
कभी बिना रोक टोक के अविरल बहते ये आंसू....
ReplyDeleteकभी जोर जोर से विलाप करते यह आंसू .....
कभी ख़ुशी का इज़हार करते ये आंसू......
हमें अपनी दोस्ती का सबूत देते हें यह आंसू........
Revaji, bahut,bahut sundar!
बाद मुद्दत के
ReplyDeleteदिल को सकून आया,
आंसुओं ने जब
मेरे दिल के आँगन को
भिगो दिया !
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
ReplyDeleteग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
ReplyDeleterewa ji tareef karne se man nahi bhar raha
ReplyDeleteकभी महसूस किया है इन आँसू ओं को
ReplyDeleteगालो को गिला करते ढुलकते आंसू
आँखों से बहने के बाद लम्बा सफ़र ते करते आंसू ....
हमें अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते आंसू...
कभी ऐसे ही बहते ...बिना किसी बात के
कभी मन के तमाम दुखो को झेलते झेलते
थके से आंसू ..........
Bahut khoob!
"कभी महसूस किया है इन आंसू ओं को ........."
ReplyDeleteJI, Bahut mehsus kiya hai hai,aansuo ko bhi or unki is abhivayacti ko bh...
kunwar ji,
जब एहसास कराहते है सीने में
ReplyDeleteतो दर्द बहता है बनके आंसू
आंसू ही तो पहचान है इंसान की
वरना पत्थर भी कभी बहते है आंसू ?
कभी जोर जोर से विलाप करते यह आंसू .....
ReplyDeleteकभी ख़ुशी का इज़हार करते ये आंसू......
आँसुओ की यही तो खासियत है
yeh aansoon ki kahani dil mein utar gayi...
ReplyDeletebahut hi behtareen rachna....
sundar...
mere blog par is baar..
वो लम्हें जो शायद हमें याद न हों......
jaroor aayein...
सुन्दर भावपूर्ण रचना । कु्छ वर्तनी की अशुद्धियाँ नजर आयी-
ReplyDeleteआँसू ओं = आँसूओं
गिला = गीला
ते = तय
अनुरोध है कि अन्यथा नहीं लेंगे । आभार
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ReplyDeleteMann ki bhavnao ka aur aansuon ka nazdiki rishta hai ..dono ek dusre ka saath nibha lete hain . Yahi Aansu kabhi Amrit main badal kar jeevan aur mritue ke bandhan se mukti bhi kar dete hain !
ReplyDeleteCongrats ! a good poem.
chandan ji thanx for this correction....yeh translation mai mistake ho gayi thi......very nicee of u
ReplyDeletemere blog par is baar..
ReplyDeleteनयी दुनिया
jaroor aayein....
रेवा जी बहुत ही सुंदर कृति है आपकी यह ..... सही कहा है आपने की आंसू ही हमारी अन्दर की भावना है जो आँखों के रस्ते एक लम्भा सफ़र तय करते हुए आते है ... कभी दुःख में तो कभी सुख में भी अपने साथ होते है आंसू ...... आंसू ...........
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ReplyDeleteहमें अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते आंसू...
ReplyDeleteकभी ऐसे ही बहते ...बिना किसी बात के
कभी मन के तमाम दुखो को झेलते झेलते
थके से आंसू ..........
कभी बिना रोक टोक के अविरल बहते ये आंसू....
कभी जोर जोर से विलाप करते यह आंसू ....
कभी ख़ुशी का इज़हार करते ये आंसू......
हमें अपनी दोस्ती का सबूत देते हें यह आंसू........आपकी कविताओं ऐसा सुंदर तथा रोचक रूप देख कर मन अत्यंत प्रभावित हो गया
सार्थक भाव , हार्दिक बधाई
dhanyavad Bharti ji
ReplyDeleteoh dear...don't waste ur tear....
ReplyDeleteALL is WELL if I am here.....
bahut achhe dost life is love and love is give 95% ansu
ReplyDeleteabhi tak nahi mahsoos kiya tha...par aapki yeh rachna padh kar sach mein mahsoos kiya.......
ReplyDeleteआंसुओ को पोछना कुछ और है, आंसुओ को बाँटना कुछ और है, खाइयों पे पुल बनाना और है, पर खाइयों को पाटना कुछ और है !.....जय हो शुभ हो :)
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