कितनी ही बार
तूने मुझसे एक अदद
साथी ढूढने की इल्तेज़ा
कि है
ऐसी जो तेरी शायरी
में छुपे एहसासों जैसी हो
जो तेरे अनकहे
अल्फाजों को पढ़ सके
जो शायरी के
हर शेर की खुशबु हो
जो उसमे बयां
लड़की की तरह
बे इन्तेहाँ प्यार करे तुझसे ,
पर क्या तुझे पता है की
ऐसी लड़की कहीं नहीं है
कहीं नहीं ,
क्यूंकि वो तो तेरी धड़कन
में बसी ,
तेरे कलम से शब्द बन कर
पन्नों पर बिखरी रहती है
रेवा
तूने मुझसे एक अदद
साथी ढूढने की इल्तेज़ा
कि है
ऐसी जो तेरी शायरी
में छुपे एहसासों जैसी हो
जो तेरे अनकहे
अल्फाजों को पढ़ सके
जो शायरी के
हर शेर की खुशबु हो
जो उसमे बयां
लड़की की तरह
बे इन्तेहाँ प्यार करे तुझसे ,
पर क्या तुझे पता है की
ऐसी लड़की कहीं नहीं है
कहीं नहीं ,
क्यूंकि वो तो तेरी धड़कन
में बसी ,
तेरे कलम से शब्द बन कर
पन्नों पर बिखरी रहती है
रेवा
Nice one di
ReplyDeleteसच है कल्पना और वास्ताविकता में फर्क है
ReplyDeletelatest postऋण उतार!
latest postउड़ान
Lekin jo panno par bikhartii rehtii hai wo wastav mei kahi to hai ... tabhi to uske khwaabo sei wo kavita ban kar panno par utartii hai ...,,, Bahut sundar rachanaa ..... Badhaayee
ReplyDeleteवाह...बहुत खूब!
ReplyDelete.बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति . आभार हाय रे .!..मोदी का दिमाग ................... .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
ReplyDeletebahut khub kya bat hai....
ReplyDeleteलाजबाब कविता .....
ReplyDeleteशुभकामनायें ....
rewa sundar ehsaas sundar alfajo ke sath
ReplyDeletebahut hi sundar
ReplyDeleteअति सुन्दर कविता,
ReplyDeleteFantastic!
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteहमारे लिखे वह पन्ने जुड़ जाए तो शायद वो शायरी वन कर उतर आए
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