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Thursday, June 25, 2009

कभी ऐसा भी होता है

कभी ऐसा भी होता है

बार बार आंखें भर आती है
लोग पूछते है क्या हुआ ?
हाँथ पाँव शरीर सब सलामत है
फ़िर यह आंसू क्यों ?

उन्हें क्या पता
यह दिल की तड़प
सिने की जलन
प्रियतम से विरह का एहसास

जो आँखों के रास्ते
अश्रु बन कर बह रहा है

रेवा

1 comment:

  1. rung hasey rung royey , chup bhi kar jaye...ye awastha deewano ki hoti hai...

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