कैसा समय आ गया है
हमे याद रखना पड़ता है
और लोगों को भी
याद दिलाना पड़ता है की
हिन्दी हमारी मातृ भाषा है ,
हालात ये है की
साल के एक दिन हमे
हिन्दी दिवस मनाना पड़ता है
हिन्दी का स्थान और गरिमा
बना रहे इसके लिए अभियान
चलाना पड़ता है ,
बहुत दुखद है ये अवस्था
पर दोषी तो हम सभी हैं
अंग्रेजी मे बात करना अपनी
शान जो समझते हैं हम
जब हम ही ऐसा करते हैं
तो हमारे बच्चे भी यही करेंगे
फिर कैसे हम अपनी भाषा
से जोड़ पाएंगे आने वाली
नस्लों को ???
एक बड़ा सवाल ??
रेवा
इस सवाल का जवाब हम बड़ों को ही देना होगा तभी आने वाली नस्लों को जोड़ पायेंगे निज भाषा से ...
ReplyDeleteदोषी तो हम ही हैं
ReplyDeleteकितने दोषी हम
ReplyDeleteदोषी हमसब खुद हैं...
ReplyDeleteआज के दौर में हम हिंदी की अपेक्षा अंग्रेजी बोलने में ज्यादा गर्व महसूस करते है।
सच है दोष हमारा ही है ।
ReplyDeleteहम क्यों हिंदी से जी चुराते है । http://www.shivrajwritings.blogspot.in/?m=1
sach...... shukriya aap sabka
ReplyDeleteबहुत बड़ा सवाल हैं मगर वाल का जबाव हमारे पास कुछ भी नहीं ....
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteshukriya aap sabka
ReplyDeleteसुंदर
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