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Wednesday, October 21, 2009

बारिश की छमछम


बारिश की छमछम

चूड़ियों की खन खन,

पंछियों का चेह्कना

दिल का बहकना ,

ठंडी हवा की सुगबुगाहट

धडकनों की धक्ध्काहट ,

तेरे प्यार की फुहार

मेरी ज़िन्दगी का सार l 

रेवा



4 comments:

  1. बारिस की छमछम
    चूडि़यों की खन-खन
    पंछियों का चहकना
    दिल का बहकना

    ठंडी हवा की सुगबुगाहट
    धड़कनों की धकधकाहट
    तेरे प्‍यार की फुहार
    मेरी जि़न्‍दगी का सार

    संक्षिप्‍त शव्‍दों में भावों का तूफान फुहार के रूप में बरस रही है, धन्‍यवाद. सुन्‍दर कविता के लिए आभार.

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  2. Barish to chali gayi ab to Ranchi ki aabohawa halki ghulabi thandak aur gunguni dhoop e sarabor hai. Us par kuch likhein...

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  3. thanx for visiting my blog ........will surely try to write something........

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