प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
बारिस की छमछम
ReplyDeleteचूडि़यों की खन-खन
पंछियों का चहकना
दिल का बहकना
ठंडी हवा की सुगबुगाहट
धड़कनों की धकधकाहट
तेरे प्यार की फुहार
मेरी जि़न्दगी का सार
संक्षिप्त शव्दों में भावों का तूफान फुहार के रूप में बरस रही है, धन्यवाद. सुन्दर कविता के लिए आभार.
Barish to chali gayi ab to Ranchi ki aabohawa halki ghulabi thandak aur gunguni dhoop e sarabor hai. Us par kuch likhein...
ReplyDeletethanx for visiting my blog ........will surely try to write something........
ReplyDeleteGreat & Simple words..
ReplyDelete