मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं ............
खो जाऊं उस दुनिया में जहाँ ,न गम हो
न आँसू ,ना कोई दुःख ..........
मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं ...........
तेरी गोद हो सर रखने को ,
तेरी बाँहो का बिस्तर हो ,
और प्रेम भरा तेरा स्पर्श हो ,
मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं ............
इस ठण्ड की भरी दुपहरिया मे ,
बस मै हूँ और तुम हो ,
और हो हमारे प्यार की खुशबू हर तरफ ,
मन करता है धुप की चादर ओढ़ कर सो जाऊं ........
रेवा