आज तुमने मुझे
नितांत अकेला
कर दिया ,
ऐसा लगा जैसे
दिल पर किसी ने
हजारों नश्तर
उतार दिए हों ,
अब मै ज़िन्दगी
भर खुद को दोष
देती रहूंगी ,
उन लम्हों के लिए
जो मैंने तुम्हारे
साथ बिताये ,
उस प्यार के लिए
जिसे मैंने अपनी
भावनाओ और एहसास
से सींचा था ,
शायद मुझे में
या मेरे प्यार मे
कोई कमी होगी ,
एक अरसा हो गया
खुद के बारे मे
सोचे हुए ,
क्युकी मेरी हर सोच
तुमसे शुरू होती थी
और तुम्ही पर खत्म ,
पर चलो तुमने मुझे
खुद के लिए वक़्त
तो दिया ,
मेरी तन्हाई को
और तनहा कर
मुझे उस से जोड़
दिया ,
पर शुक्रिया तुम्हारा
ऐ दोस्त ,
तुमने मुझे
प्यार को समझने का
मौका तो दिया l
रेवा