क्या बताऊ तुम्हे की
तुम्हारे प्यार ने
क्या - क्या दिया है मुझे ,
तुम्हारा प्यार पा कर
जैसे तृप्त हो गयी हूँ मैं ,
आंसू अब अपना रास्ता
भूल गए हैं ,
होंठ अब बस हमेशा
मुस्कुराना सीख गए हैं ,
मन में उठती सवालो
की लहरें अब शांत हो गयी हैं ,
धडकनों को अपना पता
मिल गया है ,
जैसे मेरे एहसासों को पनाह
मिल गयी है ,
होते होंगे प्यार मे पागल लोग
पर मैं तो तृप्त हो गयी /
रेवा
तुम्हारे प्यार ने
क्या - क्या दिया है मुझे ,
तुम्हारा प्यार पा कर
जैसे तृप्त हो गयी हूँ मैं ,
आंसू अब अपना रास्ता
भूल गए हैं ,
होंठ अब बस हमेशा
मुस्कुराना सीख गए हैं ,
मन में उठती सवालो
की लहरें अब शांत हो गयी हैं ,
धडकनों को अपना पता
मिल गया है ,
जैसे मेरे एहसासों को पनाह
मिल गयी है ,
होते होंगे प्यार मे पागल लोग
पर मैं तो तृप्त हो गयी /
रेवा