Followers

Friday, April 24, 2015

सिर्फ तुम


रात की खामोशियों मे
चाँद की करवटों मे
चादर की सलवटों मे
मन की कसमसाहट मे
तकिये के गीले गिलाफ मे
दर्द भरे इस दिल मे
तुम सिर्फ तुम ही तो हो

रेवा 

Tuesday, April 7, 2015

गिद्ध




आज फिर मेरा
विश्वाश नोचा गया ,
ये नोच खसोट 
करने वाला गिद्ध 
और कोई नहीं 
बल्कि प्यार नामक 
शब्द का उपयोग 
करने वाला इंसान है ,
हँसी ! आती है 
प्यार का नगाड़ा 
बड़े जोर से बजाते है 
पर उनकी नज़र 
रहती है सिर्फ 
स्त्री की देह मे ,
"माटी से बना देह 
मिल जाएगा माटी मे 
उसे इतना मत नोचो की 
अपनी ही देह से घृणा हो जाये"। 


रेवा