जैसे जैसे बारिश की बूंदें
मिट्टी पर गिरती हैं
मिट्टी नमी सोखने लगती है
बारिश जब ज्यादा हो जाये तो
मिट्टी की सतह उसे और
सोख नहीं पाती और
पानी इकट्ठा हो जाता है या
बहने लगता है
मिट्टी पर गिरती हैं
मिट्टी नमी सोखने लगती है
बारिश जब ज्यादा हो जाये तो
मिट्टी की सतह उसे और
सोख नहीं पाती और
पानी इकट्ठा हो जाता है या
बहने लगता है
मेरा मन भी उसी मिट्टी की
तरह है
कड़वाहट की बारिश
झेल लेता है पर ज्यादा हो तो
अक्सर आँखों के रास्ते
बहने लगता है
तरह है
कड़वाहट की बारिश
झेल लेता है पर ज्यादा हो तो
अक्सर आँखों के रास्ते
बहने लगता है