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Monday, June 5, 2017

खुद से आशिकी






ज़िन्दगी मे पहली बार 

ऐसा हुआ की 

मुझे खुद से प्यार हो गया ....... 

सच मानो

ये एहसास

पहले कभी नहीं हुआ !!!


आह ! पहले मैं कहाँ थी ?

पहले क्यूँ नहीं देखा

इस लड़की को

अपने अंदर ....... 

हमेशा थी वो मेरे


आस पास फिर भी

ढूंढती रही

किसी और मे ,


अब जो मिल गयी है


तो जाने न दूँगी ,

प्यार से इसे प्यार करुँगी

हर पल खुद को

याद दिलाती रहूँगी

ताकि कायम रहे 

खुद से खुद की आशिकी !!

रेवा

6 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (06-06-2017) को
    रविकर शिक्षा में नकल, देगा मिटा वजूद-चर्चामंच 2541
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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  2. बहुत बढ़िया
    फौंट जरा बड़ा कर लें |

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    Replies
    1. shukriya suman ji .....kuch problem hai nahi badh raha font

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  3. वाह..बहुत बढि़या..अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने :)

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