प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
Rewa .. Tumhaarii Rachana bahut hii bhaavnaao se paripurn hoti hain ... usi Pankti mei yeh ek aur Kadi hai ... wastav ek Virhan ki bhaavnao ko shabd diye hai tumne .... Bahut Khoob .......... Maine bhi ek Blog ki shuruat ki hai www.unbeatableajay.blogspot.com kabhi padhaariyega
ReplyDeletePhilosophical touch in these words and other poems.
ReplyDeleteBahut sundar Rewa ji apka lekha aur kavita ekdam dil ko chune wale hoti hain.. Sadhuwaad ji.
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