वो चांदनी रात
वो तेरा साथ,
वो वादियाँ वो फिजायें
वो झरने वो ठंडी हवाएँ,
वो लम्हा वो पल
वो बेचैनी हर पल,
वो नज़रों का मिलना
मिल कर झुक जाना,
वो तेरा हौले से आना
आकर चले जाना,
वो मेरी खुशी
वो मेरी ज़िन्दगी,
वो चांदनी रात
वो तेरा साथ l
रेवा
वो तेरा साथ,
वो वादियाँ वो फिजायें
वो झरने वो ठंडी हवाएँ,
वो लम्हा वो पल
वो बेचैनी हर पल,
वो नज़रों का मिलना
मिल कर झुक जाना,
वो तेरा हौले से आना
आकर चले जाना,
वो मेरी खुशी
वो मेरी ज़िन्दगी,
वो चांदनी रात
वो तेरा साथ l
रेवा
सुन्दर प्रस्तुति.......http://athaah.blogspot.com/
ReplyDelete"वो चांदनी रात
ReplyDeleteवो तेरा साथ"
यादों में जीना कितना अच्छा लगता है!है ना...
कुंवर जी,
pandora land :)
ReplyDeleteइस रचना के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteऐसे लेखन कि ब्लोग जगत को आवयश्कता है
Bahut saral ,pyari-si rachana!
ReplyDeletebahut bahut dhanyavad
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