कई बार सोचा की कुछ ऐसा लिखूं ,
जो प्यार की परकाष्ठा को बयां कर सके ,
या मन मे भरे दर्द का एहसास करा सके
ऐसा कुछ जिससे मन द्रवित हो ,
आँसू बहाने पर मजबूर हो जाये ....
पर हर बार नाकाम रही ,
शायद अभी प्यार की उस ऊंचाई तक पहुँचना बाकी है ,
शायद उतने दर्द को महसूस करना अभी बाकी है ,
शायद प्यार मे मरने का ,
और दर्द मे जीने का स्वाद चखना अभी बाकी है ..................
रेवा
जो प्यार की परकाष्ठा को बयां कर सके ,
या मन मे भरे दर्द का एहसास करा सके
ऐसा कुछ जिससे मन द्रवित हो ,
आँसू बहाने पर मजबूर हो जाये ....
पर हर बार नाकाम रही ,
शायद अभी प्यार की उस ऊंचाई तक पहुँचना बाकी है ,
शायद उतने दर्द को महसूस करना अभी बाकी है ,
शायद प्यार मे मरने का ,
और दर्द मे जीने का स्वाद चखना अभी बाकी है ..................
रेवा