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Monday, September 20, 2010

मेरी बेटी

प्यारी सी दुलारी सी मेरी बेटी

घर भर मे उछलती कूदती मेरी बेटी

हर वक़्त शोर मचाती ,
अनगिनत बातें करती मेरी बेटी

मेरी आँखों का नूर मेरे दिल का सुकून मेरी बेटी

अपने प्यार से मुझमे नयी उमंग भरती मेरी बेटी

मेरे हर दुःख , 
हर खुशी को समझने की कोशिश करती मेरी बेटी

मेरा बचपन मुझे दिखाती मेरी बेटी

धीरे धीरे बड़ी होती , 
मेरी सहेली बनती मेरी बेटी

एक दिन डोली में बैठ कर,
किसी और के घर का उजाला बन जाएगी मेरी बेटी

जीवन के हर मोड़ पर तुम्हे ख़ुशी और सफलता मिले मेरी बेटी



एक माँ (रेवा)

8 comments:

  1. बहुत ही भावमय प्रस्‍तुति ।

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  2. bhawuk kar gayi aappki yeh rachna....

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  3. एक बेटी के लिए ममतामयी आँचल से छलकते खूबसूरत भाव के लिए कृपया मेरी बधाई स्वीकार करें

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  4. subhanallah
    bahot sohna likhya babeo

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  5. ..............बहुत ही भावमय प्रस्‍तुति ।

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