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Monday, November 12, 2012

मन का अँधेरा

हर तरफ दिवाली की धूम मची हुई है
दीये की रौशनी अँधेरी रात को
रोशन कर रही है ,
पर मन मे इतना गहरा
अँधेरा और सन्नाटा
छाया है की ,
दिवाली की रौशनी भी
उसे रोशन नहीं कर पा रही .............

मैंने अपनी सासु माँ को 29th oct  को खो दिया

रेवा





5 comments:

  1. दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ

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  2. जीवन के इस क्रम में क्या कहूँ ... ईश्वर आगे बढ़ने के मार्ग प्रशस्त करता ही है .... श्रद्धांजली का एक दीया उनके नाम

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  3. उनके आशीर्वाद से रोशन रहेंगी राहें तेरी....
    मन को उदास न करो....मुस्कुरा कर उनकी याद में दिये जलाओ...कहीं वो भी मुस्कुरा उठेंगी.
    श्रद्धा सुमन माँ को...
    और तुम्हें ढेर सा प्यार रेवा...

    अनु

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  4. माँ को कष्ट बहुत था न ..... उन्हें मुक्ति तभी मिलेगी न ,जब उनके बच्चे दुखी नहीं होगें ....

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  5. koyee kisee ko kabhee khotaa nahee hai wo aaj bhee tumahre man men sans lee rahee hain bhagwan ne unhe un ke kahston se bas mukt kiyaa hai aur bandhano se bhee

    diwali tumhe sahan sjakti aur gyan de

    Anil

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