घुन लग गयी है
लोगो की सोच मे ,
दिमाग खाली हो गया है
गुरू शिष्य की गरिमा को
ताक पर रख दिया है ,
इसे भी जोड़ दिया है
देह की लालसा से ,
सरस्वती को पा कर अभिमान
से भर गए हैं या
गिर गए हैं ,
तभी तो दुर्गा का अपमान
करने की हिम्मत आई ,
अब दुर्गा को ही फिर से
रोद्र रूप धरना होगा ,
ताकी नाश कर सके इन
मुखौटों के पीछे छिपे
महिसासुरों का.............
रेवा