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Wednesday, October 14, 2015

भिन्नरूप



शुरू हुए नवरात्र
आओ सब मिल पूजे
देवी शक्ति के
अनुपम रूप को  ,
युद्ध कर जिसने
किया संहार दानव स्वरुप को  .......

पर इस बार
चलो हम मनाये
इसके भिन्नरूप को    ,
युद्ध करें अपने अन्दर
के दानवों से
औ उजागर करें अपनी
दैवीय शक्ति प्रतिरूप को .......

अगर करें आज हम सब
ये प्रण
तो सार्थक होगा
अपना ये जीवन ………

शुभ नवरात्र


रेवा




5 comments:

  1. युद्ध करे अपने अंदर के दानवों को
    और उजागर करें
    अपनी दैवीय शक्ति प्रतिरूप को
    … सही कहा आपने ऐसा संकल्प आज की जरुरत है
    नवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनाएं

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 15 - 10 - 2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2130 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  3. यही विभिन्न रूप मानव की वृत्तियों का परिशोधन करते रहें!

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