साथ अमर जुड़ा हुआ है
फिर कैसे जा सकती हो कहीं
यहीं तो हो
हम सब के बीच
अपनी कहानियों
और नज़्मों में
के दिल में
और हर पल धड़कती रहती हो
इमरोज़ की धड़कन में
तुम्हें बस प्यार से आवाज़
देने की जरूरत होती है
तुम आ जाती हो पास
बातें करती हो
और हमेशा मेरे हाथ
दे जाती हो एक
अदद नज़्म की सौगात
रुलाता है गुदगुदाता है
और दिल प्यार और
सम्मान से भर जाता है
नहीं गयी हो यहीं हो
हम सबके बीच
हमारे दिल में
#अमृता