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Wednesday, October 31, 2018

अमृता


अमृता 
जानती हो तुम्हारे नाम के
साथ अमर जुड़ा हुआ है
फिर कैसे जा सकती हो कहीं

तुम कहीं गयीं नहीं हो
यहीं तो हो
हम सब के बीच
अपनी कहानियों
और नज़्मों में 
हर इश्क करने वाले
के दिल में
और हर पल धड़कती रहती हो
इमरोज़ की धड़कन में 

मैं जानती हूँ और मानती भी हूँ की
तुम्हें बस प्यार से आवाज़
देने की जरूरत होती है
तुम आ जाती हो पास
बातें करती हो
और हमेशा मेरे हाथ
दे जाती हो एक
अदद नज़्म की सौगात

तुम्हें पढ़ना, सुनना
रुलाता है गुदगुदाता है
और दिल प्यार और
सम्मान से भर जाता है

अमृता तुम कहीं
नहीं गयी हो यहीं हो
हम सबके बीच
हमारे दिल में


#रेवा
#अमृता

9 comments:

  1. Convert your lines in book form and sell worldwide, 100% royaltyOnline Book Publisher in India

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  2. नमस्ते,

    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरुवार 1 नवम्बर 2018 को प्रकाशनार्थ 1203 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।



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  3. बहुत सुन्दर रेवा जी ! आपके विचारों में अमृता प्रीतम के प्रति मेरे विचार भी आ जाते हैं. उन्होंने अपनी कलम के ज़रिये न जाने कितने लोगों को शिद्दत से प्यार करना सिखाया है, बेबाक़ी और साफ़गोई सिखाई है. सबसे बड़ी बात तो उन्होंने औरतों को सिखाई है और वो है अपने औरत होने के एहसास के साथ सर उठाकर जीना.

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    Replies
    1. जी सही कहा आपने ....शुक्रिया

      Delete
  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (02-11-2018) को "प्यार से पुकार लो" (चर्चा अंक-3136) (चर्चा अंक-3122) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (02-11-2018) को "प्यार से पुकार लो" (चर्चा अंक-3136) (चर्चा अंक-3122) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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