कभी कभी बस
चुप चाप बैठ कर
सोचने का मन होता है
पर दिमाग उलझनों में
उलझा रहता है
और कुछ समझ नहीं आता
सोचने का मन होता है
पर दिमाग उलझनों में
उलझा रहता है
और कुछ समझ नहीं आता
तब ये अक्षर मेरे पास
आते हैं और
चुप चाप मेरे कंधे पर हाथ
रख कर मेरे पास बैठ जातें हैं
आते हैं और
चुप चाप मेरे कंधे पर हाथ
रख कर मेरे पास बैठ जातें हैं
मैं अपने सारे सवाल
सारे ख़याल सारी उलझनें
इन अक्षरों के हवाले कर देती हूँ
जो स्वतः ही सब ले लेते हैं
और मेरा मन और दिमाग
शांत हो जाता है
सारे ख़याल सारी उलझनें
इन अक्षरों के हवाले कर देती हूँ
जो स्वतः ही सब ले लेते हैं
और मेरा मन और दिमाग
शांत हो जाता है
ये अक्षर नहीं
मेरे सबसे प्यारे
दोस्त हैं
मेरे सबसे प्यारे
दोस्त हैं
#रेवा
#अक्षर
#अक्षर
सुन्दर
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (31-03-2019) को " निष्पक्ष चुनाव के लिए " (चर्चा अंक-3291) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
--अनीता सैनी
नमस्ते ,शुक्रिया
Deleteवाह बहुत सुन्दर अक्षर जो शाश्वत हैं और सार्थक भी।
ReplyDeleteवाह।
शुक्रिया
Deleteये अक्षर ही हैं जो सभी अहसासों का बोझ उठाते हैं। बहुत सुंदर
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteशुक्रिया
ReplyDeletegood post
ReplyDeletechildren sports
techten