आज के जमाने में
कैलक्यूलेटर का काम
बहुत बढ़ गया है
पहले तो ये सिर्फ
हिसाब किताब में काम
आते थे
और समय बचाते थे
पर अब तो ये लोगों के
रिश्तों को
कैलकुलेट करने के काम आते हैं
मिलने से पहले ही दिमाग
कैलकुलेशन करने लगता है
कौन कितना काम आएगा
किसे कहाँ कैसे इस्तेमाल
करना है
कहाँ कितना किसे घटाना है
और कहाँ बढ़ाना
कहाँ गुना किया जा सकता है
और कहाँ विभाजित
कहाँ कितना किसे घटाना है
और कहाँ बढ़ाना
कहाँ गुना किया जा सकता है
और कहाँ विभाजित
फिर उसी हिसाब से रिश्तों की
उष्मा तय होती है
तो बोलो
है न ये कमाल की चीज़
#रेवा
कैलक्युलेटर की विशेषता बताती सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteआभार
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