इन आँखों ने एक सपना देखा
सपने में कोई अपना देखा ,
बर्फीली वादियों में जिसके साथ
हाथों में डाले हाथ ,
इस दुनिया की भीड़ भाड़ से बेखबर
प्यार में डुबे इस कदर,
न खुद को खुद की खबर
न दिन रात न कोई पहर
न हम रहे हम न तुम रहो तुम
न फासले हो दरमियाँ
प्यार में डुबे इस कदर,
एक लम्हा भी गर ऐसा जाये गुजर
तो मरने से न फिर लगे डर
इन आँखों ने एक सपना देखा
सपने में कोई अपन देखा !
रेवा
सपने में कोई अपना देखा ,
बर्फीली वादियों में जिसके साथ
हाथों में डाले हाथ ,
इस दुनिया की भीड़ भाड़ से बेखबर
प्यार में डुबे इस कदर,
न खुद को खुद की खबर
न दिन रात न कोई पहर
न हम रहे हम न तुम रहो तुम
न फासले हो दरमियाँ
प्यार में डुबे इस कदर,
एक लम्हा भी गर ऐसा जाये गुजर
तो मरने से न फिर लगे डर
इन आँखों ने एक सपना देखा
सपने में कोई अपन देखा !
रेवा
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