ये आंसू भी अजीब हैं
तेरे गम मे रोते है ,
तो तेरी ख़ुशी मे भी छलकने लगते है ........
तेरे विरह मे रोते है ,
तो तेरे मिलन की आस मे भी छलकने लगते है ........
तेरे रूठने पर रोते है ,
तो तेरे मान जाने पर भी छलकने लगते हैं ...........
तेरा प्यार न पाने पर रोते है ,
तो तेरा प्यार पा कर भी छलकने लगते हैं .......
जब तेरी याद ज्यादा आती है तो ये इस क़दर बेक़रार
हो जाते हैं की रुकने का नाम ही नहीं लेते ,
ये आंसू भी अजीब हैं
गम में रोते हैं ,
और ख़ुशी मे भी छलकने लगते हैं..........
रेवा
No comments:
Post a Comment