ऐसा क्यों हुआ
जिस दोस्त को अपना सब कुछ माना
जिसकी दोस्ती को अपना गुरुर समझा
उसी ने साथ छोड़ दिया ........
जिस दोस्त को अपनी ज़िन्दगी के साथ जोड़ा
जिसके साथ दोस्ती की कसमे खायी ,
जिसने हमेशा मुझे सही राह दिखाया
जिसने हमेशा मेरा हौसला बढाया
हर मुश्किल मे साथ दिया
उसी ने साथ छोड़ दिया ........
जिसके लिए मैं हमेशा सबसे से लड़ी
लेकिन उसका साथ न छोड़ा ,
जिसका साथ इतने बरसो का था
नाता न कल परसों का था
उसी ने साथ छोड़ दिया .........
जिसके साथ देखे थे कई सपने
जीवन के कई रंगों को संजोया ,
जीवन की कड़ी धुप मे साथ चले
तुफानो से भी न डरे
अब अचानक उसी ने साथ छोड़ दिया ...........
मेरी आँखों को आंसुओ के सहारे छोड़ दिया
मेरे विश्वाश को पुरी तरह झकझोड़ दिया
मुझे अन्दर तक तोड़ दिया ,
उसने मेरा साथ छोड़ दिया ..........
एक दोस्त (रेवा)
Ghungaru ki tarah bazta he raha hoon main ...jazbaton se khelna oonki aadat hai..khilona hona meri kismat..
ReplyDeletesahi kaha apne......par aisa hota kyu hai...vishwash kay badle tutna......kyu ??
ReplyDeleteजीवन एक मेला हे ,
ReplyDeleteजहाँ कितनो से मिलना होता हे !
पर आज ये शब्द मटमैले लगते हैं ,
ये मेला जीवन का 'भीड़' मै खो रहा हे !
लोंग मिलते हैं , विश्वास को जोड़ते हैं ,
फिर अचानक .....
'उम्मीदों' के जनाजे को भीड़ मै छोड़ देते हैं !
ये मइयत उम्मीदों की हे, बह जाने दो आंसुओं मै,
जिंदगी ने सिखा ही दिया, मइयत को मुखाअग्नि देना!
ऐ दोस्त ...
जख्म की कर लो पट्टी, नासूर ना बनने देना इसको ;
समझ लो ....
उम्मीदों मै बहने से बेहतर हे, नदी को किनारे से निहारना!
....दीप
salaam ustaad ji,
ReplyDeletefer aa gya ye ganda bachha tera ser khane
Be Cool Cool Rewati nandan,Nimboo Paani Pio
fer Aauga,Aj Ghussa Tere Touba Touba
-Vijay Sufi
apne sahi kaha deepji ummedo say behtar hai kinare say niharna......lekin hum inssan umeed karne ki galti kar hi baithte hai....
ReplyDeleteआपके शब्दों में बाजीगरी भी है और भावनाएं भी। इस अभिव्यक्ति में और बेहतरी की उम्मीद थी, शायद अगली बार पुरी हो। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteachha se dukh ko likhaa hai waah
ReplyDeleteaaapne samjha per uss dost ne nahi samjha na..... dosti aapne ki usne nahi....... so enjoy
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