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Saturday, February 13, 2010

क्यों

प्यार को प्यार क्यों चाहिए ?
कशिश को तड़प क्यों चाहिए ?
दर्द को दवा क्यों चाहिए ?
दिल को सुकून क्यों चाहिए ?
आँसुओं को पनाह क्यों चाहिए  ?                   
दामन को खुशियाँ क्यों चाहिए ?
आँखों को शीतलता क्यों चाहिए ?
होंठो को मुस्कान क्यों चाहिए ?
ज़िन्दगी को मौत क्यों चाहिए ?
क्यों क्यों ..................

रेवा

6 comments:

  1. "जीने के लिए" जिसकी सम्पूर्णता आपकी कविती की अंतिम पंक्ति में है

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  2. प्यार को प्यार क्यों चाहिए ,
    कशिश को तड़प क्यों चाहिए ,
    दर्द को दवा क्यों चाहिए ,
    दिल को सुकून क्यों चाहिए,
    आंसुओं को पनाह क्यों चाहिए ,
    Jeevan ant me mautki panah pata hai!

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  3. Chand sawalon ke jawab apne antar me jhank lenese mil jate hain!

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  4. क्या बतायें क्यों चाहिये!!

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  5. Jaise har sawal ko jawab chahiye..

    Jeevan ek sawal hai ,mritue jawab hai.

    Atma ko Parmatma chahiye, purna viram ke liye !

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  6. hi rewa..its a very cool and pleasent " rachna".

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