प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
"जीने के लिए" जिसकी सम्पूर्णता आपकी कविती की अंतिम पंक्ति में है
ReplyDeleteप्यार को प्यार क्यों चाहिए ,
ReplyDeleteकशिश को तड़प क्यों चाहिए ,
दर्द को दवा क्यों चाहिए ,
दिल को सुकून क्यों चाहिए,
आंसुओं को पनाह क्यों चाहिए ,
Jeevan ant me mautki panah pata hai!
Chand sawalon ke jawab apne antar me jhank lenese mil jate hain!
ReplyDeleteक्या बतायें क्यों चाहिये!!
ReplyDeleteJaise har sawal ko jawab chahiye..
ReplyDeleteJeevan ek sawal hai ,mritue jawab hai.
Atma ko Parmatma chahiye, purna viram ke liye !
hi rewa..its a very cool and pleasent " rachna".
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