प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
मेरे मन की छोटी सी बगिया में ,
ReplyDeleteअपने प्यार का फुल हमेशा खिलाये रखना
चाहे जैसे भी मौसम आये उसे हरा भरा रखना ,
Bahut sundar alfaaz!
bahut dhanyavad........app hamesha hi meri poetries padhti hai......bahut abahar
ReplyDeleteसुन्दर आकांक्षा सुन्दर रचना
ReplyDeleteDil mey 'pyaar' sada ahsas chahta hey ,
ReplyDeleteDil mey 'khushi' sada ijhaar mangati hey,
jab bhi mil jata hey bhavon ko sehlata koi ,
bas dost, man uss pal ko bar bar chahta hey !
aapne apni kavita "मेरे मन की बगिया मे" in madhur palon ko jiya hey , aur khud mey yeh pal bar bar jeene ki chaha jatai hey ! Ati sundar bhav , ati sundar shabad , satya mey prashanshiniya! Khud mey muskrati hui likhti Mini bahut achchi lagti hey !
Nice
ReplyDeleteVery nice
Very Very nice
Nitin
baagh aaaapka bagiya aaapki.... fool bhi aaaapka ... sabkuch tho aaapka hee hai.... mann bhi aaapka dil bhi aaaapka..... aaap hee pyar se khilaye rakho phooolon ko .....
ReplyDeletebehtareen rachna....
ReplyDeleteबस मेरे मन की छोटी सी बगिया में
अपने प्यार का फुल हमेशा खिलाये रखना ..........
waah waah.....
meri rachnayein bhi jaroor dekhein
aapki pratikriya ka intzaar rahega....
bahut hi sunder.
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