आज फिर वही हुआ ,
प्यार भरे गीत सुने
प्यार भरे लम्हे देखे,
तो आंखें भर आईं ,
दिल मै कहीं,
एक ख्वाइश
कुलाचे मारने लगी ,
जबकि जानती हूँ
वो कभी पूरी न होगी ,
फिर भी हर बार
सपने देख हि लेती हूँ ,
शायद यहीं मेरा
सबसे बड़ा गुनाह है
या मेरे जीने का सहारा l
रेवा
प्यार भरे गीत सुने
प्यार भरे लम्हे देखे,
तो आंखें भर आईं ,
दिल मै कहीं,
एक ख्वाइश
कुलाचे मारने लगी ,
जबकि जानती हूँ
वो कभी पूरी न होगी ,
फिर भी हर बार
सपने देख हि लेती हूँ ,
शायद यहीं मेरा
सबसे बड़ा गुनाह है
या मेरे जीने का सहारा l
रेवा
सुन्दर कविता
ReplyDeleteआरजू कभी पूरी नही होती लेकिन जीने का सहारा होती है।
शब्द जैसे ढ़ल गये हों खुद बखुद, इस तरह कविता रची है आपने।
ReplyDeleteवाह ! बेहद खूबसूरती से कोमल भावनाओं को संजोया इस प्रस्तुति में आपने ...
ReplyDeletesundar rachna,
ReplyDeletebahut badhai.
aap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeletebahut bariya.....
ReplyDeletebahut umda rachna hai ...sundar...!!
ReplyDeleteउसका ख्याल उसकी बातें उसको ही सोचता हूँ,
ReplyDeleteउसकी याद ने दुनियाँ से बेगाना हमें बना दिया,
प्यार में जलने का मज़ा भी तो लेकर देखें,
वह शमा है तो खुद को परवाना बना दिया..!
aap sabka bahut bahut shukriya
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