पलकों का बंद होना
सपनों का दस्तक देना ,
सपनों के आते ही
तेरा नज़दीक आना ,
चाँद की मधिम
रौशनी के साथ ,
हाँथो मे डाले हाँथ
दूर बहुत दूर
निकल जाना ,
तेरे कंधे पर
सर टिकाना ,
तेरा हौले से
मुझे स्पर्श करना ,
तेरी खुशबू से
मेरा मदहोश हो जाना ,
नजरों का मिलना
धडकनों का तेज़ हो जाना ,
ऐसे खो जाना
एक दूजे मे
जैसे सागर मे लहरें
चाँद मे चांदनी ......
आह ! जब स्वप्न
इतना सुहाना है तो
हकीक़त कैसा होगा .................
रेवा