गुलबिया का ब्याह हुआ
डोली चढ़ी तो ,
उसकी आकांक्षाओं
को पर लग गए,
हर लड़की की तरह
उसका भी सपना था की
उसे दुनिया में
सबसे ज्यादा
प्यार करने वाला
और ख्याल रखने वाला
जीवन साथी मिले ....
पूरे दिल और पूरी
सम्पूर्णता से
वो अपने आप को
न्योछावर करती चली गयी ...
पर न पा सकी प्यार,
उसे लगता की
क्या ये बस कहने
सुनने की बात है ?
या बस किताबों
और फिल्मों तक ही
सिमित है,
उसके दिल में बस
एक ही प्रश्न है
कितने जन्मों तक
तक ऐसा प्यार
पाने का इंतज़ार
करना होगा ?
या फिर ये
सिर्फ उसकी
मृगतृष्णा है .......
रेवा
aksar aisa hota hi hai
ReplyDeletejarur payegi wo apna pyar.......
ReplyDeletesunder rachna ,
nar ho na nirash karo man ko...
ReplyDeleteaapki kalpana ko milega pankh..
accha post...badhayee
aap sabka bahut bahut shukriya
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