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Friday, April 15, 2011

तेरा पैगाम

बहुत दिनों बाद
आज तेरा 
प्यार भरा
पैगाम आया ,
तो होंठो पर  मुस्कान
 फ़ैल गयी,
ऐसा लगा मानो 
जेठ  की भरी 
दुपहरिया मे
सावन की फुहार 
पड़ गयी हो.....
चारो ओर खुशबू
बिखर  गयी हो ,
दिल मे जैसे
अनेको जलतरंग
बज उठे हो .....
मन मे एक
अजीब सी
गुद गुदी
महसूस होने लगी.....
जब तेरा पैगाम 
इतनी ख़ुशी दे
सकता है ,
तो तेरा  
आगमन कितनी
ख़ुशी  देगा l 


रेवा

5 comments:

  1. आपकी लेखनी अद्भुत है.....

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  2. मन मे एक
    अजीब सी
    गुद गुदी
    महसूस होने लगी.....
    जब तेरा पैगाम
    इतनी ख़ुशी दे
    सकता है
    भावुक कर गयी पंक्ति..........बहुत सुंदर.....

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  3. बेहतरीन लेखन के लिए मेरी बधाई स्वीकारें.
    मेरे ब्लॉग पर आयें, आपका स्वागत है
    बचें ऑनलाइन जॉब्स की धोखाधड़ी से

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