बहुत दिनों बाद
आज तेरा
प्यार भरा
पैगाम आया ,
तो होंठो पर मुस्कान
फ़ैल गयी,
तो होंठो पर मुस्कान
फ़ैल गयी,
ऐसा लगा मानो
जेठ की भरी
दुपहरिया मे
सावन की फुहार
पड़ गयी हो.....
चारो ओर खुशबू
बिखर गयी हो ,
दिल मे जैसे
अनेको जलतरंग
बज उठे हो .....
मन मे एक
अजीब सी
गुद गुदी
महसूस होने लगी.....
जब तेरा पैगाम
इतनी ख़ुशी दे
सकता है ,
तो तेरा
आगमन कितनी
ख़ुशी देगा l
रेवा
Kitna masoom ehsaas hai!
ReplyDeleteआपकी लेखनी अद्भुत है.....
ReplyDeleteमन मे एक
ReplyDeleteअजीब सी
गुद गुदी
महसूस होने लगी.....
जब तेरा पैगाम
इतनी ख़ुशी दे
सकता है
भावुक कर गयी पंक्ति..........बहुत सुंदर.....
बेहतरीन लेखन के लिए मेरी बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आयें, आपका स्वागत है
बचें ऑनलाइन जॉब्स की धोखाधड़ी से
shukriya aap sabka
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