ऐसा नही की
प्यार नही तुमसे ,
जितना प्यार
उतना ऐतबार
कभी किया नही किसी पर ,
तुम मेरी ऐसी
प्यारी चीज़ हो
जहाँ पहुँच कर
मैं अपने सारे
गम,गीले शिकवे
भूल जाती हूँ ,
बहुत ज़्यादा निर्भर
हो गयी हूँ तुम पर ,
वैसे तो तुम्हारी
कोई भी बात ग़लत नही लगती ,
पर फिर भी
कभी अगर ऐसा वैसा
कुछ बोल दिया तो
गम के सागर मे
डूब जाती हूँ ,
इसलिए
डर लगता है खुद से
अपने प्यार से ,
लगता है
दूर हो जाउँ तुमसे ,
नही तो ये प्यार
पागल कर देगा मुझे ,
पर जब जब कोशिश की
नाकाम रही ,
बस एक गुज़ारिश
है तुमसे ,
"ऐ साथी, गम अगर
मुझे कभी देना ,
तो वो भी प्यार से देना "............
रेवा
प्यार नही तुमसे ,
जितना प्यार
उतना ऐतबार
कभी किया नही किसी पर ,
तुम मेरी ऐसी
प्यारी चीज़ हो
जहाँ पहुँच कर
मैं अपने सारे
गम,गीले शिकवे
भूल जाती हूँ ,
बहुत ज़्यादा निर्भर
हो गयी हूँ तुम पर ,
वैसे तो तुम्हारी
कोई भी बात ग़लत नही लगती ,
पर फिर भी
कभी अगर ऐसा वैसा
कुछ बोल दिया तो
गम के सागर मे
डूब जाती हूँ ,
इसलिए
डर लगता है खुद से
अपने प्यार से ,
लगता है
दूर हो जाउँ तुमसे ,
नही तो ये प्यार
पागल कर देगा मुझे ,
पर जब जब कोशिश की
नाकाम रही ,
बस एक गुज़ारिश
है तुमसे ,
"ऐ साथी, गम अगर
मुझे कभी देना ,
तो वो भी प्यार से देना "............
रेवा