कितनी शिद्दत से
चाहा था मैंने ,
के कभी तुम प्यार से
हमारे पास बैठो ,
कुछ अपने दिल
की बातें कहो ,
कुछ मेरी सुनो
शिकवा शिकायत
ही सही .....
कुछ ऐसे पल
तो हो ,
जो बस हमारे
तुम्हारे हों \
ज़िन्दगी की भाग
दौड़ जरूरी है ,
पर इतनी भी नहीं
की ,उसे समय
ही न दो
जिसे उसकी सबसे
जिसे उसकी सबसे
ज्यादा जरूरत हों \
कुछ समय दिया भी
तो बस उलाहने और
ज़िम्मेदारियाँ निभाने
के सलाह के नाम ,
क्या ज़िन्दगी
ऐसी होती है ?
क्या दिल ,जज्बात
ख्याल नाम की
कोई चीज़ नहीं होती ?
जब मन ही खुश न हो
तो ज़िन्दगी के ताने
बाने सुलझाने मुश्किल
हो जाते हैं /
यह बात मै कभी
समझा न पाई ,
न कभी तुमने
समझने की कोशिश
ही की......
अपने दिल का प्यार
शायद तुम तक
पहुचाने मे असमर्थ रही ,
या तुम्हारे दिल मे
प्यार नामक चीज़ की
कोई अहमियत ही नहीं /
जो भी हो
अब तो बस लगता
है की
जिस बंधन मे
बांध दिया है
भागवान ने ,
उसे निभाने का
नाम ही ज़िन्दगी है............
रेवा
सुंदर प्रस्तुति आदरणीया रेवा जी, बधाई स्वीकार करें
ReplyDeleteबहुत ही भाव भीनी कविता दिल से निकल कर दिल में प्रवेश करती हुई
ReplyDeleteSundar rachna, khoobsurat bhavabhivyakti.
ReplyDeleteरक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं तथा बधाई
ReplyDeleteRewa bahut achi hai teri poetry par ek baat bata ki kyu ham kisi ka intzaar kare ki koi hamare pass do pal baithe hame kuch kahe kyu kya ham apne liye nahi ji sakte khudi ko kar buland itna ki khuda khud puche ki bata teri raja kya hai mai tumhe ek bechari ke roop me nahi dekhna chahti kyu kisi ke pyar ke liye tarsna kyu rewa
ReplyDeleteSanjay ji ,S.N Shukla ji shukriya....
ReplyDeleteS.N Shukal ji apko aur sabhi ko dehro shubkamnayein
ReplyDeleteAnonymous...bahut accha laga apka yahan ana aur comment karna...shayad apne sahi likha hai...par kya bina kisi kay pyar kay bass apne mai khush rehna asan hai...
ReplyDeleteसुन्दरता से लबरेज़..
ReplyDeleteअनमोल रचना !!
shukriya Kamleshji
ReplyDeletepehley meri choclate do
ReplyDeletejab dekho kha jati ho
mummy ko kehna padega
maar padegi naa pata lagega
दिल से निकली रचना
ReplyDeleteवाह! बहुत ही खूबसूरत रचना....
ReplyDeleteसादर बधाई...
बंधन निभ जाएँ वही ज़िंदगी है ..अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत और कोमल भावो की अभिवयक्ति..
ReplyDeleteYashwantji...bahut bahut shukriya
ReplyDeleteSanjayji.....shushmaji...bahut bahut shukriya
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