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Thursday, November 10, 2011

तुम्हारी आवाज़

आज तक बहुत कुछ 
लिखा है ,
तुम्हारे और 
अपने बारे मे ,
पर कभी 
तुम्हारे आवाज़ 
के बारे मे 
नहीं लिखा ,
शायद ये 
समझ ही नहीं 
पाई थी की ,
बिना मिले 
बस हर दिन 
तुम्हारी आवाज़ 
मुझे कितनी 
उर्जा ,कितना 
प्यार देती है ,
धीरे - धीरे 
ये आवाज़ 
कब मेरी 
ज़िन्दगी 
बन गयी ,
पता ही 
नहीं चला ..........


रेवा 


8 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति , बधाई.

    .

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें, आभारी होऊंगा .

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  2. सुन्दर भाव
    शुभकामनाये

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  3. बहुत खूब रेवा जी।

    सादर
    ----
    मोड़

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  4. बहुत सुंदर रचना
    क्या कहने

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