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Friday, November 25, 2011

मुझे दे देना

अपनी हर शाम 
अपनी हर सुबह 
अपना हर लम्हा 
अपना हर पल 
अपनी हर ख़ुशी 
किसी और के नाम 
कर देना ,
पर अपना हर दुःख 
अपने हर आंसू 
मुझे दे देना ,
दुनिया की ज़रूरत 
दुनिया की
और मेरा लालच 
मेरा है

रेवा

13 comments:

  1. पर अपना हर दुःख
    अपने हर आंसू ,
    मुझे दे देना ............

    बहुत ही अच्छा ख्याल।

    सादर

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  2. किसी के आंसू ले लेने का पावन जज़्बा...
    सुन्दर!

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  3. बहुत ही सुन्दर विचार ...

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  4. रेवा जी..........
    एक हृदयस्पर्शी रचना !!

    अपने हर आंसू,
    मुझे दे देना....

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  5. aap sabka bahut bahut shukriya........

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  6. chalo baant lete hai....saari kaaynaat......
    sab kuchh tumhara....aur tum mere......

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  7. Bahut Khoob ...Apne man aur duniyadari dono ki baaten alag hain.... sunder likha

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  8. Monika ji apka swagat hai mere blog par.....bahut bahut shukriya

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  9. पर अपना हर दुःख
    अपने हर आंसू ,
    मुझे दे देना ........
    शुक्रिया... ..इतना उम्दा लिखने के लिए !!

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  10. DIL HAI KI MANTA NAHI......THANX A LOT

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