अपनी हर शाम
अपनी हर सुबह
अपना हर लम्हा
अपना हर पल
अपनी हर ख़ुशी
किसी और के नाम
कर देना ,
पर अपना हर दुःख
अपने हर आंसू
मुझे दे देना ,
दुनिया की ज़रूरत
दुनिया की
और मेरा लालच
मेरा है
दुनिया की ज़रूरत
दुनिया की
और मेरा लालच
मेरा है
रेवा
पर अपना हर दुःख
ReplyDeleteअपने हर आंसू ,
मुझे दे देना ............
बहुत ही अच्छा ख्याल।
सादर
किसी के आंसू ले लेने का पावन जज़्बा...
ReplyDeleteसुन्दर!
बहुत ही सुन्दर विचार ...
ReplyDeletewaah bahut khub
ReplyDeleteरेवा जी..........
ReplyDeleteएक हृदयस्पर्शी रचना !!
अपने हर आंसू,
मुझे दे देना....
aap sabka bahut bahut shukriya........
ReplyDeletechalo baant lete hai....saari kaaynaat......
ReplyDeletesab kuchh tumhara....aur tum mere......
sansac thanx for nicee lines.....
ReplyDeleteBahut Khoob ...Apne man aur duniyadari dono ki baaten alag hain.... sunder likha
ReplyDeleteMonika ji apka swagat hai mere blog par.....bahut bahut shukriya
ReplyDeleteपर अपना हर दुःख
ReplyDeleteअपने हर आंसू ,
मुझे दे देना ........
शुक्रिया... ..इतना उम्दा लिखने के लिए !!
sanjayji shukriya.......
ReplyDeleteDIL HAI KI MANTA NAHI......THANX A LOT
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